Cooperative Society एक संगठनात्मक संरचना होती है जिसमें कुछ लोग आपस में मिलकर एक साझा उद्देश्य के लिए व्यवसाय करते हैं — जैसे लाभ साझा करना, सेवा देना या सामाजिक कल्याण। इसमें सदस्य “एक व्यक्ति, एक वोट” के सिद्धांत पर कार्य करते हैं, न कि पूंजी के आधार पर।
Cooperative Society Business List (सहकारी संस्था से जुड़े व्यवसायों की सूची):
1. कृषि आधारित सहकारी संस्थाएँ (Agricultural Cooperatives)
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- खाद बीज की खरीद और बिक्री
- कृषि उपकरण किराए पर देना
- सिंचाई उपकरण और सेवाएँ
- अनाज मंडी / कृषि उत्पाद विपणन सोसायटी
- सहकारी डेयरी फार्म (जैसे अमूल – AMUL)
2. डेयरी सहकारी संस्थाएँ (Dairy Cooperatives)
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- दूध संग्रहण और विपणन
- दूध से उत्पाद बनाना (घी, मक्खन, पनीर आदि)
- पशु चारा और दवा उपलब्ध कराना
- प्रसिद्ध उदाहरण: Amul, Sudha, Nandini
3. हाउसिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी (Housing Cooperative Society)
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- प्लॉट या फ्लैट्स की खरीद-बिक्री
- हाउसिंग प्रोजेक्ट का निर्माण
- रखरखाव सेवाएं (गार्ड, सफाई, मरम्मत आदि)
4. कंज्यूमर कोऑपरेटिव सोसायटी (Consumer Cooperatives)
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- किराना / डिपार्टमेंटल स्टोर
- उचित मूल्य की दुकानें (Fair Price Shops)
- दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती दरों पर
5. क्रेडिट / फाइनेंस कोऑपरेटिव सोसायटी (Credit & Finance Cooperatives)
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- छोटे ऋण देना
- ब्याज पर बचत योजनाएं
- ग्रामीण और शहरी सहकारी बैंक
- सहकारी पतसंस्था (Pat Sanstha)
6. लेबर / वर्कर्स कोऑपरेटिव (Labour Cooperatives)
- ठेकेदारी / निर्माण कार्य
- सरकारी और निजी परियोजनाओं में श्रमिक आपूर्ति
- मजदूरों के हितों की रक्षा करना
7. हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग (Handicraft & Cottage Industry)
- हथकरघा सहकारी संस्था (जैसे खादी ग्रामोद्योग)
- बुनकर सहकारी समिति
- महिला कुटीर उद्योग सहकारी समिति
- ग्रामीण हस्तकला उत्पादों का विपणन
8. ट्रांसपोर्ट कोऑपरेटिव सोसायटी (Transport Cooperatives)
- टैक्सी / बस ऑपरेटर समूह
- स्कूल / ऑफिस बस सेवाएं
- ट्रक यूनियन या गाड़ी मालिकों की संस्था
9. सेवा आधारित सहकारी संस्थाएँ (Service Cooperatives)
- सफाई, सुरक्षा, माली, और रखरखाव सेवाएं
- शिक्षा केंद्र / कोचिंग संचालन
- स्वास्थ्य सेवाएं (छोटे क्लिनिक, दवाखाना)
✅ सहकारी संस्थाओं के फायदे (Benefits of Cooperative Societies):
- सामूहिक पूंजी से बड़ा काम
- मुनाफा बराबर बाँटा जाता है
- सदस्य हित में काम होता है, शोषण नहीं
- सरकारी मदद और सब्सिडी मिलने की संभावना
⚠️ कुछ चुनौतियाँ (Challenges):
- निर्णय लेने की प्रक्रिया धीमी
- सदस्यता में मतभेद की संभावना
- राजनीति और भ्रष्टाचार की आशंका